Medicinal Uses and Benefits of Banyan Tree(बरगद का वृक्ष - एक औषधीय पौधा)
by Dr Vikram Chauhan Doctorअवलोकन
आयुर्वेद चिकित्सा के अनुसार बरगद अनेक सालों तक विकसित रहने वाला वृक्ष है । हिन्दू धर्म में इस वृक्ष की पूजा की जाती है । हिन्दू धर्म के अनुसार इसके अंदर त्रिदेव वास करते हैं और जैसे पीपल को विष्णु भगवान का वृक्ष कहा गया है उसी प्रकार बरगद को भगवान शिव जी का वृक्ष कहा गया है ।आयुर्वेद के अनुसार इसकी छाल के अंदर विष्णु ,जड़ के अंदर ब्रह्मा और टहनियों में शिवजी का वास होता है ।आयुर्वेद के ग्रंथों में बरगद को वट वृक्ष के नाम से भी जाना जाता है ।
बरगद का परिचय :
आयुर्वेद के अनुसार बरगद का पेड़ हजारों सालों तक विकसित रह सकता है ।बरगद का पेड़ अनेक औषधीय गुणों से भरपूर होता है ।इस औषधीय पेड़ की कुल लम्बाई २० से २२ मीटर तक हो सकती है ।बरगद के वृक्ष के तने से अनेक जड़ें निकलती है ।इस पेड़ के पत्तों और टहनियों को तोड़ने से दूध के जैसा तरल पदार्थ निकलता है जो अनेक बिमारियों में लाभकारी साबित होता है ।आयुर्वेद चिकित्सा के अनुसार अगर बरगद का पेड़ युवा हो तो उसकी छाया ४००० से ४५००० लोग प्राप्त कर सकते हैं ।बरगद के पेड़ की छाल ,फूल ,फल ,दूध ,जड़ और पत्तों का इस्तेमाल प्राचीन काल से अनेक बिमारियों में होता रहा है ।आयुर्वेद में बरगद को अमर वृक्ष कहा जाता है ।बरगद के पेड़ की जड़ें लम्बी और मजबूत होती हैं ।इस लेख में हम बरगद के आयुर्वेदिक गुणों को जानेगें ।
व्याख्या
इस श्लोक में कहा गया है कि बरगद कषाय रस युक्त ,शीतल ,गुरु ,ग्राही ,शरीर के व्रण को उत्तम करने वाला ,एवं शरीर में कफ और पित्त को संतुलित रखने वाला ,व्रण ,विसर्प ,दाह एवं योनि रोगों को दूर करने वाला होता है । संदर्भ-- भावप्रकाश निघण्टु ,(वटादिवर्ग),श्लोक -२ ।बरगद वृक्ष के महत्वपूर्ण फायदे
१. एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार बरगद के पेड़ से प्राप्त होने वाली छाया आपके मस्तिष्क को प्रभावित करती है जिसकी वजह से आपका मन शांत बना रहता है । २. आयुर्वेद चिकित्सा के अनुसार बरगद के वृक्ष से निकलने वाले दूध जैसे तरल पदार्थ को पुरुषों की यौन शक्ति को बढ़ाने की रामबाण औषधि माना गया है । ३. प्राचीन काल से ही बरगद के पौधे की छाल और पत्तों से आयुर्वेदिक औषधियाँ तैयार की जाती हैं । ४. हिन्दू धर्म के अनुसार अगर शिव भगवान को याद करके रोजाना बरगद की जड़ में पानी दिया जाए तो बहुत लाभकारी होता है । ५. बरगद का वृक्ष शरीर में वात, पित्त और कफ को संतुलित रखने में सहायक साबित होता है ।बरगद के औषधीय गुण आइये जानते हैं :
बालों के लिए लाभकारी :
एक शोध के अनुसार अत्यधिक तनाव और गलत खान पान की वजह से लोगों के बाल समय से पहले झड़ने लग जाते हैं इस समस्या को दूर करने के लिए आपको बरगद का इस्तेमाल करना लाभकारी साबित होता है ।इसके इस्तेमाल के लिए आपको बरगद की दाढ़ी और तिल को समान मात्रा में अच्छे से पीस लेना चाहिए और इस लेप को सिर के ऊपर रोजाना लगाने से यह बालों को स्वस्थ और मजबूत बनाने के अलावा सुंदर और घना बनाने में सहायक साबित होता है ।अगर इस प्रयोग का रोजाना उपयोग किया जाए तो यह बालों के गंजेपन की समस्या को दूर करने में मददगार साबित होता है।
आँखों के लिए लाभदायक :
आयुर्वेद चिकित्सा के अनुसार अगर आपको आँखों से संबंधित कोई भी समस्या है तो इन समस्याओं को दूर करने के लिए आपको बरगद के दूध का इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है ।इसके उपयोग के लिए आपको बरगद के वृक्ष से दूध निकालकर २ बूंदे रोजाना आँखों में डालने से यह प्रयोग आँखों को बिमारियों से सुरक्षित रखने के साथ साथ आँखों की रोशनी को बढ़ाने में सहायक साबित होता है ।इस प्रयोग का नियमित इस्तेमाल आपकी आँखों को ज़िंदगी भर बिमारियों से मुक्त रखने में मददगार साबित होता है ।
कान के लिए फायदेमंद :
अगर आपको कान में दर्द या फिर फुंसी हो गयी है तो इन समस्याओं को दूर करने के लिए आपको बरगद से प्राप्त दूध का इस्तेमाल करना असरदर साबित हो सकता है ।इसके उपयोग के लिए आपको बरगद के पत्तों से दूध निकालकर उसके अंदर तिल का तेल मिश्रण करके इस मिश्रण की 2 बूंदे कान में डालने से यह प्रयोग कान के दर्द और फुंसी को जल्दी ठीक करने में सहायक होता है ।
चेहरे को प्राकृतिक सौंदर्य प्रदान करने में सहायक :
अगर आप अपने चेहरे को फुंसी और छाइयों से मुक्त रखना चाहते हैं तो इसके लिए आपको बरगद के पेड़ से ६ से ७ पत्तों को तोड़ कर उसके अंदर बरगद की दाढ़ी को समान मात्रा में मिलाकर इन दोनों को अच्छे से पीस कर इस मिश्रण को नियमित रूप से चेहरे के ऊपर लगाने से यह आपके चेहरे से फुंसी और छाइयों को दूर करने के साथ साथ चेहरे को चमकदार रखने और प्राकृतिक सौंदर्य प्रदान करने में सहायक होता है ।
सूजन को दूर करे :
अगर आपको त्वचा में किसी भी प्रकार का घाव या सूजन आ गयी है तो इसके लिए आपको बरगद की जड़ का उपयोग करना लाभदायक साबित होता है ।इसके इस्तेमाल के लिए आपको बरगद की जड़ को सूखा कर इससे चूर्ण तैयार करके उसको सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ नियमित रूप से सेवन करने पर यह प्रयोग त्वचा की सूजन को बहुत जल्दी खत्म करने में सहायक साबित होता है.
बवासीर को दूर करने में सहायक :
आयुर्वेद चिकित्सा के अनुसार बरगद का पेड़ असहनीय दर्द वाली बवासीर की बीमारी को दूर करने में मददगार साबित होता है ।अगर आप बवासीर की बीमारी से ग्रसित हैं तो आपको बरगद की छाल को सूखा कर उससे अर्क तैयार कर लेना चाहिए और उस अर्क का आधा गिलास रोजाना खाली पेट सेवन करना बवासीर की बीमारी को दूर करने में सहायक होता है | इसके अलावा बरगद के कोमल पत्तों से तैयार काढ़ा का सुबह खाली पेट सेवन करना बवासीर में फायदेमंद होता है.
Sponsor Ads
Created on Sep 16th 2019 02:15. Viewed 646 times.
अंग्रेजी में क्यों नहीं लिखते?
Sep 16th 2019 02:36