Pregnancy me Pet Dard- Healthshabd
by Sumit Verma Health & Fitnessगर्भावस्था एक ऐसा दौर होता है जब महिलाएं बहुत कमजोर होती हैं और इसके साथ ही उनके अंदर एक जिंदगी को जन्म देने की ताकत भी आ जाती है. प्रेग्नेंसी में महिलाएं जितने दर्द से गुजरती हैं आमतौर पर पुरुष अपने पूरे जीवन में सहते होंगे. महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान कुछ अलग से चीजें आ जाती हैं जिसमें वे दर्द सहकर भी खुश रहती हैं.
प्रेग्नेंसी के दौरान पेट में दर्द और ऐंठन होना आम बात है. पहली तिमारी में कमर दर्द, कब्ज और गर्भाशय में होने वाली ब्ली़डिंग में वृद्धि खाने के बाद दर्द और ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन और गर्भाशय की में खिंचाव आने के कारण भी दर्द होता है. वैसे तिमाही आने पर दर्द अलग-अलग वजहों से होने लगता है.
पहली तिमाही- पहली तिमाही में पेट दर्द होना गर्भावस्था के दौरान आम होता है जो अगले 40 हफ्तों तक गर्भ में पल रहे बच्चे के कारण अनुभव होता रहेगा. मगर हमेशा पेट में दर्द होने का मतलब ये होता है कि आपके पेट में खाना पच नहीं रहा है.
दूसरी तिमाही- दूसरी तिमाही में अगर आपके पेट में दर्द के साथ ब्लीडिंग नहीं हो रही है तो ये चिंता की बात हो सकती है ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसे में मिसकैरेच का खतरा बन जाता है. 100 में से एक से भी कम महिलाओँ को दूसरी तिमाही में मिसकैरेज हो जाता है, अगर ऐंठन ब्लीडिंग के साथ ज्यादा हो रही है तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
तीसरी तिमाही- ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन के अलावा पेट के आसपास गंभीर दर्द होना आम बात होती है. अगर ऐसा होता है तो संकुचन आमतौर पर समय से पहले प्रसव का संकेत होता है और समय से पहले प्रसव के दूसरे संकेतों में पानी की थैली फटना, श्रोण के आसपस दर्द भ्रूण की गतिविधियों में कमी, पीठ के निचले भाग में दर्द का एहसास हो तो डॉक्टर के पास जाएं.
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Created on May 27th 2019 06:35. Viewed 248 times.
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