Importance of Diwali in Hindi
by Bani Raj Bloggerदिवाली वो त्यौहार है जिसकी प्रतीक्षा हम सभी सालभर करते है। इस दिन के लिए हम काफी दिनों तक घर की साफ़ सफाई करते है, घर का रंग रोगन करते है और फिर घर को बहुत सजाते है। फिर दिवाली के दिन सभी लोग नए वस्त्र पहनकर माँ लक्ष्मी का पूजन करते है और फिर पटाखे जलाकर खुशियाँ मनाते है। इस दिन माँ लक्ष्मी का पूजन करके उनका स्वागत किया जाता है और उनसे सुख समृधि और यश का आशीर्वाद माँगा जाता है। इस दिन दिवाली इसलिए मनाई जाती है क्योकि इस दिन श्री राम सीता माता के साथ वनवास से वापिस अयोध्या लौटे थे। उस अमावास की रात को सभी दिए जगाकर उनका स्वागत किया था।
एक साहूकार और उसकी बेटी एक गाँव में रहते थे। बिटिया रोज पीपल के पेड़ के पास जाकर पेड़ को जल चढ़ाया करती थी। लक्ष्मी जी का उस पीपल के पेड़ पर वास था। एक दिन जब बेटी जल चढाने गई तब लक्ष्मी जी ने उनसे कहा, मैं तुम्हारी सखी बनना चाहती हूँ। बेटी ने लक्ष्मी जी से कहा मैं अपने बाबा से पूछकर बताऊँगी। घर आकर उसने अपने पिता से लक्ष्मी जी की दोस्ती वाले बात बताई। पिता ने कहा बेटी हाँ बोल दो। अगले दिन बेटी फिर पीपल पर जल चढाने गई और लक्ष्मी जी से उनकी मित्र बनने की हामी भरी।
रोज दोनों अच्छे मित्रो की तरह बाते करने लगी। एक दिन लक्ष्मी जी साहूकार की बेटी को अपने घर ले गई। वहां पर उसकी बहुत खातिरदारी की। उसके सामने ढेरो तरह के भोजन परोसे। जब साहूकार की बेटी वापिस जा रही थी लक्ष्मी जी ने कहा तुम मुझे अपने घर नही बुलाओगी। बेटी ने बुला लिया लेकिन वो दिल से डरी हुई थी क्योकि उसकी आर्थिक हालत ठीक नही थी। उसे डर लग रहा था कि, वो लक्ष्मी जी का स्वागत ठीक से कर पाएगी या नही।
जब साहूकार ने अपनी बेटी का उतरा चेहरा देखा, वो समझ गया। उसने उसे कहा तू फौरन साफ-सफाई कर, मिट्टी से चौका लगा कर, चार बत्ती वाला दिया जगा और लक्ष्मी जी का ध्यान करके बैठ जा। जैसे भी बेटी ने ये सब किया उसकी वक्त एक चील किसी रानी का कीमती नौलखा हार लेकर आई और उसके पास छोडकर उड़ गई। बेटी ने उस हार को बेचा और उससे मिले पैसे से लक्ष्मी जी के लिए भोजन बनाया।
कुछ देर बाद लक्ष्मी जी गणेश जी के साथ उसके घर आई। साहूकार और उसकी बेटी ने दोनों का प्यार से स्वागत किया और उनकी खातिर और सेवा की। उन दोनों की सेवा से लक्ष्मी जी प्रसन्न हुई। लक्ष्मी जी के आशीर्वाद से साहूकार बहुत अमीर हो गया और खुश रहने लगा।हे लक्ष्मी माँ जैसी कृपा आपने उस साधू पर करी हम सब पर भी वैसी ही कृपा करे।
दिवाली पूजन विधि - Diwali Puja Vidhi
- पूजन जिस स्थान पर करने वाले है पहले उस स्थान को साफ़ करे।
- अब वहां पर एक चौकी रखे और उस पर लाल कपडा बिछाए।
- अब इस माँ लक्ष्मी, गणेश जी और माँ सरस्वती की मूर्ति या फोटो रखे।
- इन मूर्तियों के अलावा दो हाथी की फोटो रखें।
- अब विष्णु भगवान, इंद्रदेव और कुबेर के लिए कच्चे चावल के तीन ढेर बनाए।
- अब सबसे पहले दिया जलाए। एक दिया अखंड होगा जो कम से कम तीन दिन जलेगा और एक आरती की थाली में जगाए।
- अखंड दिया बड़ा होना चाहिए।
- अब दिए के साथ साथ धूप जलाए।
- अब गणेश जी का आह्वान करे और कहे कि वे पूजा में आ सकने वाली सभी रूकावटो को दूर करे।
- अब रोली से श्री गणेश को तिलक करे और अब उनको अक्षत लगाए।
- अब अगरबत्ती जलाए और गणेश जी का पूजन करे।
- अब भगवान् को फूल चढाए।
- अब धूप जगाए और पूजा करे।
- अब नैवेघ चढ़ाएं और गणेश जी का पूजन करे।
- अब रोली से लक्ष्मी जी को तिलक करे।
- अब उन्हें अक्षत चढ़ाए।
- अब अगरबत्ती घुमाए।
- अब माँ लक्ष्मी को फूल चढ़ाए।
- अब धूप से पूजन करे।
- अब मिठाई चढ़ाएं।
- लक्ष्मी जी का पूजन करे।
- अब कपास के बीज, धनिए के बीज, चांदी के सिक्कें, सूखी हल्दी, सुपारी, कमल के फूल के बीज और रूपए माँ लक्ष्मी को चढ़ाए।
- अब विष्णु जी की अगरबत्ती से पूजा करे। फिर उन्हें फूल चढ़ाए और फिर धूप से पूजा करे।
- अब उन्हें फल, मिठाई अर्पण करे।
- अब कुबेर जी की पूजा करे। उन्हें भी अगरबत्ती, फिर फूल, फिर धूप, फिर फल और मिठाई चढाए।
- इसी तरह इंद्र देव की भी पूजा करे। उन्हें भी अगरबत्ती, फिर फूल, फिर धूप, फिर फल और मिठाई चढाए।
- अब सरस्वती माता को रोली से तिलक करे और अक्षत चढ़ाए। अब पहले अगरबत्ती, फिर फूल, फिर धूप से पूजा करे और फिर मिठाई चढ़ाए और दिए से उनका पूजन करे।
- अब दोनों हाथियों का पूजन करे और उनको गन्ना चढ़ाए।
- अब माँ लक्ष्मी की आरती गाए और पूजन पूरा करे।
- अगर आपके पास समय है तो आप “श्रीं स्वाहा” का जाप पूरे १०८ बार करे।
- इस विधि से पूजन करे और माँ लक्ष्मी से आशीर्वाद पाए।
हैप्पी दिवाली
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Created on Oct 10th 2019 07:04. Viewed 289 times.