कंप्यूटर पर यदि कर रहे हैं लगातार काम, तो सूख सकता है आंखों का पानी

Posted by Neeraj Bisaria
7
Mar 30, 2018
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कंप्यूटर पर चार-पांच साल तक काम करने के बाद इस बीमारी का पता चलता है। | तस्वीर साभार: BCCL

नई दिल्ली. कंप्यूटर पर लगातार घंटों काम करने से लोगों में एक खास बीमारी का पता चला है। इस बीमारी का नाम ‘कंप्यूटर विजन सिंड्रोम’ है जिससे पीड़ित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। डॉक्टर्स के मुताबिक कंप्यूटर पर चार-पांच साल तक काम करने के बाद इस बीमारी का पता चलता है। इसके लिए लोगों को हर आंधे घंटे में ब्रेक लेना चाहिए।वहीं, स्क्रीन की ब्राइटनेस भी हल्की रखनी चाहिए।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉ राजेंद्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केंद्र के डॉक्टरों की सलाह है कि कंप्यूटर या लैपटॉप पर काम करने के दौरान एंटी ग्लेयर चश्मा लगाएं जो आंखों को कंप्यूटर से निकलने वाली किरणों से काफी हद तक हिफाजत करता है। डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्र में प्रोफेसर रोहित सक्सेना ने न्यूज ऐजेंसी भाषा को बताया- ‘कंप्यूटर विजन सिंड्रोम‘ नाम की बीमारी अस्तित्व में आयी है जिसमें आंखों का सूखना, आंखों का लाल होना, आंखों से पानी निकलना और मांसपेशियों का कमजोर होना शामिल है। 

सूख जाता है आंखों का पानी

प्रोफेसर रोहित सक्सेना के मुताबिक जब आप काम करते हैं तो लगातार कंप्यूटर या लैपटॉप में ही देखते रहते हैं। क्योंकि यह आपको अपनी ओर आकर्षित करता है, जिससे आंखे नहीं झपकती है। इस वजह से आंखों का पानी सूख जाता है। डॉक्टर के मुताबिक आजकल लोगों की नौकरी 12 घंटे कंप्यूटर या लैपटॉप पर काम करने की है। जब आप किताब पढ़ते हैं तो आप 30-40 मिनट में उठते हैं और इधर-उधर जाते हैं, मगर कंप्यूटर पर काम करने के दौरान ऐसा नहीं होता है। आप लगातार घंटों नहीं उठते हैं। 

नहीं होनी चाहिए स्क्रीन ऊपर

एम्स के एक दूसरे डॉक्टर देवांग अंगमा ने बताया कि कंप्यूटर से आंखों पर पड़ने वाला दुष्प्रभाव तुरंत मालूम नहीं पड़ता है। यह पांच-छह साल लगातार काम करने के बाद दिखना शुरू होता है। उन्होंने बताया कि कंप्यूटर पर लगातार काम करने से आंखे लाल होने लगती हैं और खुजली होती है। कंप्यूटर और लैपटॉप पर काम करने के दौरान आंखों को स्वस्थ्य रखने के उपाय बताते हुए डॉ देवांग ने कहा कि कंप्यूटर की स्क्रीन आंखों की सीध में या आंखों से थोड़ी नीचे होनी चाहिए। कंप्यूटर या लैपटॉप की स्क्रीन आंखों से ऊपर नहीं होनी चाहिए, इसकी स्क्रीन आंखों से जितनी ऊपर होगी आंखों पर उतना जोर पड़ेगा।

इस लैंस का करें इस्तेमाल

नियमित कंप्यूटर या लैपटॉप पर काम करने वालों को हमेशा एंटी ग्लेयर लैंस का इस्तेमाल करना चाहिए। जिनके नजर का चश्मा लगा हुआ है, वे अपने चश्मे में एंटी ग्लेयर लैंस लगवाएं और जिनके चश्मा नहीं लगा हुआ है वे भी एंटी ग्लेयर लैंस का साधारण चश्मा पहनें। बेहतर यह है कि कंप्यूटर की स्क्रीन पर भी एंटी ग्लेयर शीशा लगाना चाहिए। उन्होंने बताया कि आंखें सामान्य तौर पर एक मिनट में 12 से 16 बार झपकती हैं जिससे आंख के सभी हिस्सों में पानी पहुंच जाता और आंखों में नमी बरकरार रहती है।

Source: Times Now Hindi

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