बेंगलुरु बनने जा रहा भारत का केपटाउन! पानी संकट

Posted by Neeraj Bisaria
7
Mar 28, 2018
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बेंगलुरु

भारत की सिलिकन वैली बेंगलुरु बहुत जल्द भारत का केपटाउन बनने वाली है। यहां पानी का संकट इतना गहराता जा रहा है कि हर दिन हजारों टैंकर पानी शहर तक पहुंचाने के लिए लाया जाता है। विशषज्ञों का मानना है कि अगर स्थिति यही बनी रही तो जल्द ही बेंगलुरु भारत का पहला ऐसा शहर बन जाएगा, जहां बिलकुल पानी नहीं बचेगा।

बता दें कि केपटाउन में पानी का भयंकर संकट सामने आया है। स्थानीय नागरिक और बारिश का पानी इकट्ठा करके इस समस्या से बचने की कोशिश करने वाले 30 साल के नागराज बताते हैं कि उन्होंने पिछले कई साल से बदलते शहर को देखा है। उनका कहना है कि भविष्य काफी मुश्किल होने वाला है। जमीन से 1500 से फीट नीचे जाने पर भी पानी नहीं मिलता। ऐसे में पानी कहां से आएगा, उन्हें यह सवाल परेशान करता है।

किसी समय भारत की गार्डन सिटी के नाम से मशहूर, बेंगलुरु कई झीलों के पास बसाया गया था। इन झीलों में पानी को इकट्ठा करने की योजना थी जिससे पानी बचाया जा सके। हालांकि अब अपार्टमेंट्स की बढ़ती संख्या के कारण झीलें प्रदूषित रहती है। शहर की सबसे चर्चित झील काफी समय से प्रदूषण के कारण परेशानी का सबब बनी हुई है। झील में अकसर आग लगती रहती है।

दी गई चेतावनी, खत्म हो जाएगा पानी

भारतीय विज्ञान संस्थान में पर्यावरणविद टीवी रामचंद्र चेतावनी देते हैं कि बेंगलुरु में जल्द ही बिलकुल पानी नहीं बचेगा। वह कहते हैं कि शहरीकरण का दौर अगर ऐसे ही चलता रहा तो 2020 तक शहर का 94 प्रतिशत हिस्सा कंक्रीट में बदल जाएगा। पहले से ही शहर के करीब 1 करोड़ लोग बोरवेल और टैंकर्स पर निर्भर करते है।

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फोटो: बेंगलुरु की झील

शहर को काफी पानी कावेरी नदी से मिलता है लेकिन नदी को लेकर तमिलनाडु के साथ लंबे समय से चल रही खींचतान से शहर को आराम पिछले महीने ही मिला है। सुप्रीम कोर्ट ने बेंगलुरु की जरूरतों को देखते हुए फैसला कर्नाटक के पक्ष में दिया है।

पानी बचाने से होगा समाधान

रामचंद्र कहते हैं कि अगर बारिश का पानी बचाया जाए तो बेंगलुरु में 10 लाख लोगों को आपूर्ति के लिए यह काफी होता है। उन्होंने ऐसा न कर पाने पर प्रशासन की आलोचना की। लोगों को भी सरकार की तरफ से साफ पानी कम दरों पर मिलता है, इसलिए पानी बचाने की उन्हें जरूरत नहीं लगती।

हालांकि, इस सबके बीच शिवकुमार और उनका परिवार बारिश का पानी बचाता है और उसी से अपना काम चलाता है। उनके घर के नीचे बड़े टैंक्स बने हैं जिनमें पानी स्टोर होता है। उन्होंने बस स्टॉप्स, झुग्गियां और मेट्रो सिस्टम के लिए पानी बचाने के ऐसे सेटअप लगाए कि अब प्रशासन भी नए बन रहे घरों में इन्हें अनिवार्य कर रहा है। वह उम्मीद जताते हैं कि नई पीढ़ी इस मुद्दे को लेकर जागरुक है।

Source: Dainik Jagran

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