Santosh Gangwar remarks about employment is to command youth
by Tanvi Katyal Molitics - Media of Politicsसंतोष गंगवार ने क्यों कहा कि रोज़गार के अवसरों की नहीं बल्कि उत्तर भारतीयों में योग्यता की कमी!
संतोष गंगवार साहब ने कहा है कि नौकरियों की कमी नहीं है बल्कि उत्तर भारतीयों में योग्यता की कमी है। उनका यह बयान शासन चलाए रखने की प्रैक्टिस का एक हिस्सा मात्र है। दरअसल, ऐसा कहकर वो न केवल रोज़गार के मोर्चे पर विफल अपनी सरकार को बचाने की कोशिश कर रहे हैं बल्कि बेरोज़गार युवाओं में सेंस ऑफ इनफीरियरटी (हीनता का भाव) भी विकसित करना चाहते हैं। एक बार यह सेंस (भाव) विकसित हो जाए तो सवाल खत्म हो जाते हैं। और सवाल खत्म तो शासन आसान।
कमांड करने के लिए सेंस ऑफ इनफीरियरटी विकसित कराना ज़रूरी
समाज में भगवान को लेकर भी यही सेंस डिवेलप कराया जाता है। इस सेंस ऑफ इनफीरियरटी से सेंस ऑफ इनसिक्योरिटी विकसित होती है औऱ यहीं उस आधार का निर्माण होता है, जो समूह विशेष पर कमांड करने के लिए ज़रूरी है।
बचपन से ही इस प्रक्रिया को महसूस किया जा सकता है। बेटा…वहाँ मत जाओ..वहाँ भूत है…बाहर मत जाओ…बाहर बाबा लोगो बच्चा उठा के ले जाते हैं। - इस तरह की बातों से बच्चों में असुरक्षा की भावना डाली जाती है। और इसके बाद उन्हें कमांड किया जाना शुरू हो जाता है।
ये तो है परिवार की बात। अब देखिए…उन दलों को जो दलितों की राजनीति करते हैं। ये दल दलितों के मन में पहले ये डर पैदा करते हैं कि तुम असुरक्षित हो…तमाम लोगो तुम्हारे खिलाफ हैं…देश की सामाजिक-राजनैतिक संरचना तुम्हारे खिलाफ है। इस असुरक्षा के भाव के बोध के बाद कमांड किया जाना शुरू होता है। मुस्लिमों औऱ हिंदुओं की राजनीति करने वाले भी यही करते हैं।
सवर्ण हिंदू वोटर्स बीजेपी के नियंत्रण में, बेरोज़गार युवा हैं ख़तरा
अब अगर मौजूदा सरकार की बात करें, तो जाति औऱ धर्म के स्तर पर यह लोगों को आराम से कमांड कर रही है। सवर्ण हिंदु वोटबैंक सरकार से चिपकी हुई है। और निकट भविष्य में सरकार के खिलाफ अगर कोई समूह खड़ा दिखाई देता है तो वह है रोज़गार की तलाश में लगे युवा। 2014 में मोदी सरकार रोज़गार सृजन के बड़े-बड़े वायदों के साथ सत्ता में आई थी। लेकिन सत्ता में आने के बाद रोज़गार प्रदान कर पाना तो दूर, सरकार रोज़गार बचा कर भी नहीं रख सकी।
बेरोज़गारी पर लोग हो रहे हैं एकजुट
कई आँकड़ों ने ये साबित किया कि बेरोज़गारी रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ चुकी है। स्वराज इंडिया के युवा हल्लाबोल और कई स्वतंत्र पत्रकारों ने इस मुद्दे को ज़ोरों-शोरों से उठाया जिसके कारण सरकार इस मोर्चे पर बैकफुट पर आ गई थी।
उत्तर भारतीयों पर टिप्पणी का ये है कारण
ये समझना भी ज़रूरी है कि संतोष गंगवार ने उत्तर भारतीयों को लेकर ये टिप्पणी क्यों की! इसकी वजह है चुनावों में उत्तर भारत में बीजेपी का शानदार प्रदर्शन। मुख्यतया हिंदी पट्टी का निर्माण करती है। और यह हिंदी पट्टी बीजेपी की ताकत है। इस पट्टी के लोगों के नाराज़ हो जाने का मतलब पार्टी और सरकार को गंभीर नुकसान है।
इसीलिए इस क्षेत्र में जो तबका नाराज़ हो सकता है, उस तबके को नियंत्रण में लिया जाना ज़रूरी है। और संतोष गंगवार ने नियंत्रण में लेने के पारंपरिक तरीके को अपनाते हुए युवाओं में हीनता के भाव विकसित करने की कोशिश की है।
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source: https://molitics-articles.blogspot.com/2019/09/santosh-gangwar-remarks-about.html
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Created on Sep 16th 2019 05:52. Viewed 661 times.