राजनीतिक संरक्षण से लेकर पुलिस प्रोटेक्शन तक! क्या बलात्कारी मानसिकता को पाला जा रहा है?
by Tanvi Katyal Molitics - Media of Politics
हाथरस की दलित बेटी अब इस दुनिया में नहीं है. उसे कुछ हैवानों ने अपने हवस की आग मिटाने के लिए मार डाला. यह एक मामूली सी घटना तो बिल्कुल नहीं है, यह घटना बताती है कि हमारी पुलिसिया सिस्टम और उसे चलाने वाली सरकार पूरी तरह से फेल हैं. वह फिल्म सिटी तो बनाना चाहती है लेकिन एक अपराध मुक्त प्रदेश नहीं बनाना चाहती. ऐसे अपराध इसलिए हो रहे हैं क्योंकि बलात्कारी मानसिकता को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है. पहले तो हाथरस की घटना को पुलिस फर्जी बताती है और जब एक्सपोज होती है तो फटाफट 100 एफआईआर दर्ज करती है.
इसी तरह जनवरी 2018 में कठुआ में एक मासूम सी बच्ची के साथ कुछ दरिंदो ने गैंगरेप किया था. उस घटना पर भाजपा नेता नंद कुमार चौहान कहते हैं कि कठुआ गैंगरेप में पाकिस्तान का हाथ होगा. सोचिए जब सिस्टम के लोग ही बेतुका और निहायत ही संवेदनहीन बयान देगें तो बलात्कारी मानसिकता क्यों नहीं पोषित होगी. यही नहीं सत्ताधारी पार्टी के नेता ही जब बलात्कार की घटनाओं को अंजाम देने लगेंगे तो आप उनसे सिस्टम में सुधार की उम्मीद भला कैसे कर सकते हैं.
कुछ तो ऐसे हैं कि उस बलात्कारी नेता का खुलेआम समर्थन करते हैं, उसके जन्मदिन पर बधाई देने जेल जाते हैं. इतना ही नहीं बलात्कारी जब जेल से रिहा होता है तो उसे फूलों की माला पहनाई जाती है.
कुछ देख पा रहे हैं आप कि हमने कहां तक का सफर तय कर लिया है. कहने को तो हम विश्व गुरु, डिजिटल इंडिया, स्मार्ट इंडिया, आत्मनिर्भर भारत का ढोल पीटते हैं लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है. हमारे यहां लोग जाति-धर्म के आधार पर बलात्कार को न्यायोचित ठहराने लगे हैं. कुछ तो ऐसे हैं जो इसे ''सबक सिखाने वाला'' काम कहते हैं.
हम ऐसे दौर में पहुंच गए हैं जहां बलात्कारियों के विरोध में नहीं उनके समर्थन में लोग प्रदर्शन करने लगे हैं. विशेष धर्म और विशेष जाति के नाम पर लोग एक बलात्कारी का भी समर्थन कर रहे हैं. दरअसल, ये समाज उन राजनेताओं ने बनाया है जिन्हें धर्म और जाति के नाम पर राजनीति करनी होती है, वोट लेना होता है.
पुलिस भी उसी राजनीति का हिस्सा है, इन्हें भी तो वही धर्म और जाति के नाम पर राजनीति करने वाले लोग गाइड करते हैं. सच कहें तो इस प्रकार की मानसिकता तब तक हमारे समाज में जिंदा रहेगी, जब तक इन्हें राजनीतिक संरक्षण मिलता रहेगा.
माफ करना गुड़िया, ये सिस्टम और ये समाज तुम्हारे लायक था ही नहीं.
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Created on Sep 30th 2020 05:33. Viewed 155 times.