…तो क्या मोदी अब कोरोना वैक्सीन को 'भाजपा की वैक्सीन' बनाकर देश में प्रचारित करेंगे?
by Tanvi Katyal Molitics - Media of Politics
कोरोना वैक्सीन आ गई है। अब लगेगी। किसे लगेगी इसी को लेकर मारामारी है। वैक्सीन महामारी पर काबू पा भी लेगी या नहीं इसपर कुछ कहना मुश्किल है लेकिन मोदी हैं तो मुमकिन है वाली चरस जब तक है कोरोना भारतीयों का घंटा कुछ नहीं बिगाड़ सकता। ये बात मोदी जी डंके की चोट पर बोलते हैं। मोदीजी विश्व नेता हैं, वो कल को बोल दें कि वैक्सीन लगवाने के बजाय पी लो तो भक्त मीडिया उसे भी जस्टिफाई कर देगी। ये उनका ट्वीट देख लो। भावी राज्यसभा सांसद रजत जी कोवैक्सीन की आलोचना करने वालों को बता रहे हैं कि 190 देशों ने इस वैक्सीन की 2 अरब डोज बुकिंग करवाई है। इसलिए गलतफहमियों का शिकार न हों.
इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च यानी ICMR ने कोरोना की दो वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है। काहे का आपतकाल ये समझ से परे हैं। क्योंकि केस तो हर दिन तेजी से कम हो जा रहे हैं। फिलहाल छोड़िए। जिस वैक्सीन को सरकार ने मंजूरी दी है उसमें एक भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन है। हां वही कोवैक्सीन जिसका ट्रायल हरियाणा के गृह मंत्री अनिज विज पर किया गया और उसके अगले हफ्ते ही वह कोरोना की चपेट में आ गए। कोरोना भी ऐसा कि उन्हें एक के बाद एक तीन अस्पतालों में भर्ती करवाया गया। ICMR के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने इस वैक्सीन को उच्च प्रभावकारिता वाली बताया लेकिन इसपर किसी भी विशिष्ट विवरण को देने से मना कर दिया।
वैक्सीन कब आएगी, किसे लगेगी, मैं लगवाऊंगा, मैं पहले नहीं लगवाऊंगा की राजनीति बड़ी रोचक हो चुकी है।इसका पूरा श्रेय यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जी जाता है। उन्होंने कह दिया कि ये भाजपा की वैक्सीन है। हम नहीं लगवाएंगे।
कहा- जब हमारी सरकार आएगी तब समाजवादी वैक्सीन बनेगी फिर लगाया जाएगा। भारतीय राजनीति की सबसे बड़ी खराबी ये है कि प्रमुख नेता थोड़ा मजा देता है तो पार्टी के छोटे नेता पूरी महफिल ही लूट लेते हैं। सपा के एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने कहा ये वैक्सीन नपुशंक बना सकती है। मतलब यार क्या ही कहूं।
किसी भी परिस्थिति में मीडिया का कैमरा अपनी तरफ मोड़ने में सक्षम बाबा रामदेव ने कहा- हम तो कोरोना की वैक्सीन लगवाएंगे ही नहीं। क्योंकि हमें कोरोना नहीं होगा। सही भी है, बाबा को कोरोना वैक्सीन की नहीं बल्कि मल्टीविटमिन के टीके की जरूरत है। बताइए भला कभी साइकिल से गिर जा रहे तो कभी हाथी से गिर रहे हैं। देखकर हमें बुरा लगता है भाई। यही तो एक उम्मीद हैं तो जनता को 35-40 रुपए लीटर पेट्रोल दिलवाएंगे। हिन्दू महासभा, अरे वही जो कोरोना के वक्त गौमूत्र पार्टी कर रहे थे। अब कह रहे हैं कि इसमें गाय का खून है इसलिए इसको देश में ही इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। अरे चक्रमाणि महराज। आप तो गौमूत्र पीकर या गोबर लपेटकर ठीक हो जाओगे, लेकिन सब नहीं न हो पाएंगे न, इसलिए खुदा के वास्ते, ओह सॉरी, भगवान के वास्ते वैक्सीन का विरोध न करो।
अच्छा अब सवाल है कि वैक्सीन लगेगी किसे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन जी ने कहा- कोरोना की वैक्सीन सभी देशवासियों को मुफ्त लगेगी। लेकिन उन्हें लगा ये तो विश्वनेता से भी ज्यादा बड़ा फेक दिया इसलिए तुरंत सुधार करते हुए कहा- पहले कोरोना वारियर्स को लगेगी। बसपा प्रमुख मायावती जी भी वैक्सीन लेने की लाइन में खड़ी हैं, उनका कहना है कि स्वास्थ्यकर्मियों के साथ सर्वसमाज के अति-गरीबों को ये टीका पहले लगवाया जाए। इसीबीच शिवराज मामा का त्याग सामने आया है, उन्होंने कहा- पहले सबको लग जाए फिर मैं लगवाऊंगा। कुछ लोग कह रहे इन्हें ही वैक्सीन पर भरोसा नहीं है इसलिए बहानेबाजी कर रहे हैं। बिहार की उस जनता की कहीं कोई चर्चा नहीं है जिससे फ्री वैक्सीन के नाम पर वोट लेकर सरकार बना ली गई। उम्मीद है अब पश्चिम बंगाल वालों को फ्री वैक्सीन का लॉलीपॉप दिया जाए।
वैक्सीन मुद्दे पर सरकार को आराम से घेरा जा सकता था, सरकार से पूछा जाता कि सीरम की उस वैक्सीन को स्वीकृति क्यों दी गई जिसने तीसरा ट्रायल भी नहीं पूरा किया। सरकार किस आपात स्थिति की बात कर रही है, अब तो हर दिन कोरोना केस कम होते जा रहे हैं। क्या सरकार को जनता के शक को क्लीयर नहीं करना चाहिए। विश्व के तमाम बड़े नेता जैसे ब्लादिमीर पुतिन, बराक ओबामा, बेंजामिन नेतान्याहू, बोरिस जानसन ने पब्लिकली वैक्सीन लगवाकर जनता का विश्वास बढ़ाया क्या मोदी जी सभी के सामने वैक्सीन नहीं लगवा सकते? अगर ऐसा होता है तो लोगों के भीतर शक खत्म होगा। लेकिन ऐसा कहां होने वाला। मोदी मोदी हैं की।
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Created on Jan 8th 2021 04:42. Viewed 184 times.