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Horror Story in Hindi, Based on True Story

by Anshu Pandey The Kahani Box
                                                     चिठ्ठी 

राघव जो की दिल्ली का रहने वाला था । वह बीस साल का हो चूका था लेकिन अभी भी उसके अंदर एक बचपना था।  राघव को किताबे पढ़ने का बड़ा शौख था। दिल्ली के एक बहुत पुराने लाइब्रेरी में राघव किताब पढ़ रहा था तभी उसकी नज़र एक पूरानी किताब पर पड़। उसे वह किताब पढ़ने का बहुत मन हुआ मानो जैसे वो किताब राघव को अपनी तरफ खींच रही हो। राघव उस किताब को अपने घर ले आय।  उसने जैसे ही उस किताब को पढ़ना शुरू किया तभी उस किताब में से एक चिठ्ठी निचे गिर।  
"ये कैसी चिठ्ठी है" - राघव 
राघव ने उस चिठ्ठी को पढ़ना शुरू किया 
उस चिठ्ठी में लिखा था "  बीस दिसंबर शाम के पांच  बज रहे है। मई ग्वालियर के एक पुराने  लॉज में रुका हुआ हु । मेरा कमरा   शुन्य आठ   में मेरे साथ कुछ बहुत सी अजीब चीजे हो रही है। मेरे कमरे में मानो मुझे कोई बुला रहा हो। उस आवाज ने मेरा नाम लिया और मैंने जैसे ही पीछे मुड़ कर देखा तभी......"
चिट्ठी वही वही पे समाप्त हो गयी। 
राघव को बहुत गुस्सा आया  
"थोड़ा आगे और लिख देता तो क्या हो जाता" - राघव 
राघव को यह जानने की बहुत इच्छा हुई की आखिर उस लॉज में हुआ क्या होगा।  उसकी यह इच्छा ने उसे  ग्वालियर तक ले आय। ग्वालियर में वह उसी लॉज में रुका जहा पर अमित रुका था ।  कमरा नंबर शुन्य आठ।  रात हो चुकी थी और राघव इस इंतज़ार में था की जो अमित के साथ हुआ वह उसके साथ भी होगा वह पर कोई आएगा। बहुत देर तक इंतज़ार करने के बाद भी ना ही कोई आया और ना ही किसी की आवाज आई। रात के २ बज चुके थे अब राघव  ने सोचा जग कर कोई फायदा नहीं और वह सोने चला गय। जैसे ही उसकी आंख लगी तभी एक धीमी सी आवाज आयी 
" राघव.......      राघव..........         मै अमित हु राघव"
राघव यह आवाज सुन कर घबरा गय।  उसके सामे रखा हुआ गिलास वही गिर कर फुट गया । 
उस वक़्त राघव को डर का एहसास हुआ और वह बहुत घबरा चूका था उसने अपना कमरा बदलने का फैसला किया। 
सुबह होते ही उसने अपना कमरा बदल लिया और उसका कमरा नंबर था शुन्य सात। रात होते ही राघव को खिड़की के बाहर कुछ लोगो की आवाज आ रही थी उसने जैसे ही खिड़की खोला बाहर कोई भी नहीं था।  राघव सोने चला गय। थोड़ी ही देर बाद  राघव को फिर से आवाजे आनी लगी जो की राघव का नाम पुकार रही थ।  राघव समझ नहीं पा रहा था की आखिर यह आवाजे आ कहा से रही है और तभी वह दिवार के पास जाता है और वह आवाजे उसी दिवार से आ रही होती है 
"राघव मै अमित हूँ राघव "
यह सुन कर राघव घबरा जाता है और कमरे से भागने लगता है लेकिन उस कमरे के दरवाजे अपने आप बंद हो जाते है।  राघव जैसे ही पीछे मुड़ता है कोई दिवार की तरफ खींचता है और राघव वह से गायब हो जाता है। 
रूम सर्विस वाले जब सूबे दरवाजा खोलते है तो वहा कोई नहीं होता । 
दो महीने बाद दिल्ली के उसी लाइब्रेरी से एक लड़का वही पूरानी किताब लेता है। 
उस किताब से उसे दो चिट्ठियां मिलती है जो की राघव और अमित की रहती है

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About Anshu Pandey Junior   The Kahani Box

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Joined APSense since, May 18th, 2020, From Chirimi, India.

Created on May 20th 2020 10:00. Viewed 508 times.

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