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Health Benefits of Kalmegh Plant(कालमेघ एक लाभदायक पौधा)

by Dr Vikram Chauhan Doctor

कालमेघ एक लाभदायक पौधा :

यह औषधीय पौधा अनेक गुणों से भरपूर होता है ।आयुर्वेद में इस लाभकारी पौधे का इस्तेमाल प्राचीनकाल से होता आ रहा है ।कालमेघ के पौधे के अंदर पाए जाने वाले आवश्यक पोषक तत्वों की वजह से इसका इस्तेमाल भारत के अलावा अन्य देशों में भी अनेक प्रकार की औषधियाँ बनाने के लिए किया जाता है ।इस पौधे का विकास सबसे ज्यादा जंगलों में होता है ।ग्रीष्म काल में यह पौधा सूख जाता है परन्तु वर्षा ऋतु के आते ही यह दोबारा से खिल उठता है ।इस औषधीय पौधे की ऊंचाई २ से ३ फुट तक होती है और इसके फूलों का आकार बहुत ही छोटा होता है ये फूल नीले रंग के होते हैं ।कालमेघ के पत्तों से तेल बनाया जाता है जो आपके  शरीर को त्वचा रोग ,मलेरिया ,पीलिया ,हृदय रोग ,शुगर की बीमारी, पेट का खराब होना और लीवर की बीमारी आदि से सुरक्षित रखता है ।बहुत कम लोग ही इस पौधे के लाभकारी गुणों के बारे में जानते हैं ।यह आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है 

Kalmegh Plant

व्याख्या

इस श्लोक में कहा गया है कि कालमेघ तीखा ,कड़वा ,खट्टा ,भारी, ,मूत्र प्रवाह बढ़ाने वाला , वात पित्त और कफ दोष को संतुलित रखने वाला होता है ,कुष्ठ रोगों में लाभकारी ,सूजन और पेट के रोगों में लाभकारी होता है ।

संदर्भ - धन्वंतरि निघण्टु ,श्लोक -२४९ ।

कालमेघ पौधे के आयुर्वेदिक गुण आइये जानते हैं :--

*शुगर को संतुलित रखे कालमेघ की छाल

एक अध्यन के अनुसार बताया गया है कि कालमेघ के पौधे के अंदर ऐसे अनेक पोषक तत्त्व पाए जाते हैं जो आपके शरीर में शुगर की मात्रा को बढ़ने या घटने नहीं देते और संतुलन बना कर रखते हैं ।शुगर के मरीजों के लिए कालमेघ की छाल का इस्तेमाल करना काफी फायदेमंद रहता है ।अगर आप शुगर की बीमारी से ग्रसित हैं तो आपको कालमेघ की छाल का चूर्ण तैयार करके सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ सेवन करना शरीर के अंदर शुगर की मात्रा को संतुलित रखता है। आयुर्वेद के अनुसार मधुमेह के लिए कालमेघ सबसे उत्तम औषधि होती है ।

हृदय रोगों में लाभदायक कालमेघ का पौधा :

एक सरकारी अध्ययन के अनुसार हृदय रोगियों की संख्या निरंतर बढ़ती ही जा रही है ।जब आपके शरीर में हृदय की कोशिकाओं को आवश्यक पोषक तत्व और खनिज पदार्थ नहीं मिल पाते तो आपका हृदय कमजोर हो जाता है जिसकी वजह से दिल का दौरा और हृदय की अनेक बीमारियां उत्पन्न हो जाती है ।अगर कालमेघ की छाल से रस निकाल लिया जाए और उस रस का सेवन नियमित रूप से किया जाए तो यह प्रयोग आपके शरीर की रक्त वाहिकाओं में रक्त को जमने नहीं देता जिसकी वजह से रक्त का संचार संतुलित बना रहता है ।इस औषधीय पौधे के अंदर पाया जानेवाला एंटी क्लोटिंग गुण आपके शरीर को हृदय रोग और दिल का दौरा जैसी समस्याओं से सुरक्षित रखता है

ज्वर को दूर करने में सहायक :

कालमेघ का पौधा तेज ज्वर को भी कम करने में लाभकारी होता है ।अगर आपको बुखार की वजह से गले में दर्द या शरीर में जकड़न महसूस हो रही है तो कालमेघ के पत्तों का काढ़ा तैयार करके सुबह सुबह खाली पेट सेवन करना आपके ज्वर को कम करने के साथ आपके शरीर की कमजोरी को दूर करके आपको सक्रिय और चुस्त बनाए रखता है ।

अनिद्रा को खत्म कर निद्रा लाने में सहायक

अगर आपको रात के समय नींद नहीं आती और उसकी वजह से आप सुबह उठने के बाद भी सुस्त महसूस करते हैं और सारा दिन आपको थकान सी लगी रहती है, हर छोटी सी बात पर आपको गुस्सा आता है और मन उदास हो जाता है ।सारा दिन दफ्तर में काम करने के बाद भी रात को ठीक से सो नहीं पाते ।इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए कालमेघ का वृक्ष लाभकारी औषधि माना गया है ।इसके उपयोग के लिए कालमेघ पौधे की छाल का काढ़ा बनाकर उसको सुबह और शाम नियमित रूप से सेवन करने से आपकी अनिद्रा की समस्या जल्दी खत्म हो जाती है । इसके अलावा अगर कालमेघ की छाल के रस का सेवन रोजाना किया जाए तो यह प्रयोग आपके शरीर के तापमान को संतुलित बनाए रखता है और नींद को बढ़ाने में सहायक होता है।

पाचन तंत्र को रखे दुरुस्त

शरीर के स्वस्थ रहने के लिए आपकी पाचन प्रणाली का सही रहना बहुत ज्यादा जरूरी है। अगर आपका पाचन तंत्र ठीक नहीं है तो आपका शरीर भी ठीक नहीं रह सकता है, वह अंदर ही अंदर बहुत सी बीमारियों से ग्रसित हो जाता है।पाचन प्रक्रिया को दुरुस्त बनाने में कालमेघ का पौधा महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।अगर आपके पेट में गैस बनती है या फिर किसी भी प्रकार का दर्द रहता है तो इसके लिए आपको कालमेघ के पत्तों का रस निकाल कर उसको सुबह और शाम नियमित रूप से सेवन करना आपकी कब्ज की समस्या के साथ साथ गैस की परेशानी को भी खत्म कर देता है ।यह प्रयोग आपकी पाचन क्रिया को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होता है ।

त्वचा के घाव में असरदार

अगर आपके शरीर की त्वचा पर कहीं भी घाव या सूजन आ गयी है तो उसके ऊपर कालमेघ की छाल का लेप तैयार करके लगाना बहुत उपयोगी साबित होता है ।यह लेप आपके घाव को जल्दी भर कर सूजन को कम करने में सहायक होता है ।इसके अलावा अगर आप कालमेघ पौधे के पत्तों से रस निकाल कर उस रस को घाव पर लगा लेते हो तो आपको बहुत जल्दी इसका फायदा मिलता है ।यह प्रयोग त्वचा रोगों के लिए आयुर्वेद में रामबाण माना गया है ।

कैंसर के लिए असरदार

एक अध्यन के अनुसार पता चला है कि कालमेघ के पौधे के अंदर वो सभी गुण होते हैं जो एक कैंसर के मरीज के लिए बहुत उपयोगी हैं ।इसके सेवन के लिए कालमेघ के पौधे की छाल से काढ़ा तैयार करके उसको नियमित रूप सुबह खाली पेट सेवन करने पर कैंसर की बीमारी में फायदा पहुँचता है । * फ्लू को रोकने में लाभदायक :--एक शोध से पता चला है कि इस औषधि के द्वारा फ्लू के संक्रमण को खत्म किया जा सकता है। नियमित रूप से कालमेघ की छाल के काढ़े का सेवन करना आपके शरीर को स्वस्थ रखने के साथ साथ सर्दी और जुकाम जैसी बीमारियों से भी बचा कर रखता है ।


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About Dr Vikram Chauhan Senior   Doctor

273 connections, 2 recommendations, 819 honor points.
Joined APSense since, January 3rd, 2014, From chandigarh, India.

Created on Aug 14th 2019 05:06. Viewed 640 times.

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