Shukra Mangal Yoga - कुंडली में शुक्र मंगल योग के क्या होते हैं प्रभाव
मंगल-शुक्र युति ज्योतिष की एक बहुत ही विवादस्पद युति है। वो इसलिए कि ज्योतिष में शुक्र प्रेम व आकर्षण है तो मंगल शरीर व अंदरूनी ऊर्जा। जब इन दोनों ग्रहों की युति या मिलान होगा तो व्यक्ति में शरीर के प्रति आकर्षण या यूं कहिये कि कामुकता बढ़ेगी। आज के आधुनिक युग में जितनी चर्चा इस योग की जाती है उतनी शायद अन्य किसी के योग की की जाती होगी। वर्तमान समय में भक्ति के स्थान पर काम भावना और भोग का बोल-बाला है। हर व्यक्ति आजकल अच्छे भोग विलास का आनन्द पाना चाहता है और यह योग इसी कामना को पूर्ण करता है।
मंगल शुक्र युति/Venus Mars Conjunction व्यक्ति में काम भावना को प्रबल करता है। शुक्र ज्योतिष में हर प्रकार के भौतिक सुख का कारक है और मुख्य रूप से काम-भावना और प्रेम को दर्शाता है। मंगल, शरीर की उत्तेजना है और जब इन दोनों कारकों का मिलान न हो तो, काम-सुख का सम्पूर्ण आनन्द नहीं लिया जा सकता।
शुक्र, स्त्री को व मंगल पुरुष तत्व को दर्शाता है। पुरुष की कुंडली में शुक्र, उसकी पत्नी को भी दिखाता है और यदि यह योग/Yoga पुरुष की कुंडली में शुभ स्थिति में बने तो जातक अपनी पत्नी व अन्य स्त्री वर्ग से विशेष सुख प्राप्त करता है। जबकि स्त्री की कुंडली में यह पुरुष मित्रों का सुख देता है और स्त्री की कुंडली में बना यह योग पति-पत्नी
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