बिजनेस लोन 10 प्रकार का होता है
लोन शब्द आते ही लोगों के दिमाग में सिर्फ एक ही तरह का ख्याल आता है कि ब्याज पर पैसा उधार लेना। लेकिन सही बात यह है कि लोन कई प्रकार का होता है। सभी आवश्यकता के लिए अलग – अलग लोन होता है। जैसे किसी व्यक्तिगत कार्य के लिए पर्सनल लोन होता है। उसी प्रकार व्यवसायिक कार्य के लिए बिजनेस लोन होता है। यह तो जनसाधारण में प्रचलित लोन के प्रकार हैं। इसी प्रकार से 10 प्रकार का लोन होता है। इस आर्टिकल में जानिए बिजनेस लोन के 10 प्रकार के बारे में।
1. टर्म लोन
व्यापार को चलाने के लिए सबसे सामान्य प्रकारों में से एक टर्म लोन है। टर्म लोन सुरक्षित या असुरक्षित प्रकृति का हो सकता है। उपलब्ध राशि व्यवसाय के क्रेडिट हिस्ट्री पर निर्भर करती है। टेन्योर निश्चित होता ह। अनसेक्योर्ड लोन का टेन्योर 1 से 5 वर्ष के बीच और सेक्योर्ड बिजनेस लोन के लिए 15-20 वर्ष तक का टेन्योर मिलता है। टर्म लोन एक विशिष्ट उद्देश्य के लिए लिया जाता है, जैसे कि बिजनेस के पूंजीगत व्यय के लिए।
2. स्टार्ट-अप लोन
स्टार्ट-अप लोन नए व्यावसायिक उपक्रमों के लिए है। हो सकता है कि ऐसे लोन के लिए आवेदकों का अपने बिजनेस का क्रेडिट स्कोर अच्छा न हो, क्योंकि उनके पास व्यवसायिक विंटेज की कमी होता है। इस प्रकार के बिजनेस लोन की पात्रता का निर्धारित करते समय कारोबारी की पर्सनल क्रेडिट प्रोफाइल का भी ध्यान फाइनेंशियल संस्था द्वारा रखा जाता है। मौजूदा टर्नओवर के आंकड़े और अन्य वित्तीय जानकारियों को लोन राशि, कार्यकाल और लागू ब्याज दर तय करने के लिए माना जाता है। स्टार्ट-अप लोन के लिए तभी आवेदन किया जा सकता है, जब बिजनेस अस्तित्व में हो और बिजनेस का रजिस्ट्रेशन हो चुका हो।
3. वर्किंग कैपिटल लोन
वर्किंग कैपिटल लोन एक प्रकार का शार्ट टर्म बिजनेस लोन है जो दिन-प्रतिदिन के आधार पर व्यवसाय संचालित करने के लिए कैश की कमी को दूर करने के लिए लिया जाता है। यह व्यवसाय चलाने के लिए आवश्यक कैश - फ्लो में संतुलन बनाता है। यह लोन ऑफ सीजन के दौरान कैश की कमी से निपटने या पीक सीजन के दौरान मांग को पूरा करने में भी सहायक होता है। वर्किंग कैपिटल लोन अधिकांश रुप से सर्विस प्रोवाइडर (सेवा प्रदाता), निर्माता (मैन्युफैक्चरिंग), थोक व्यापारी (ट्रेडर), खुदरा विक्रेता (रिटेल शॉपकीपर) या निर्यात और आयात में लगे व्यापारियों को मिलता है।
4. एसएमई के लिए संपत्ति गिरवी रखने पर लोन
एसएमई को को दो प्रकार का लोन मिलता है। संपत्ति गिरवी रखने के बदले और बिना संपत्ति गिरवी रखे लोन। लोन राशि कम होने पर बिना कुछ गिरवी रखे बिजनेस लोन मिलता है। अगर अधिक अमाउंट का लोन चाहिए होता है तो संपत्ति गिरवी रखना होता है। इसे सेक्योर्ड एसएमई लोन कहते हैं। इस प्रकार का लोन 50 लाख और करोड़ों रुपये तक का होता है। इस लोन की खास बात यह होता है कि अनसेक्योर्ड लोन की अपेक्षा कम ब्याज दर पर मिलता है।
5. इनवाइस फाइनेंस
इनवॉइस फाइनेंसिंग को इनवॉइस डिस्काउंटिंग या इनवॉइस फैक्टरिंग के रूप में भी जाना जाता है। इस प्रकार की फंडिंग विशेष रूप से छोटे व्यवसायों के लिए होती है, जो इनवॉइस बढ़ाने और ग्राहकों से भुगतान प्राप्त करने के बीच एक समय अंतराल का सामना करते हैं। वित्तीय संस्थान इनवॉइस में जुटाई गई राशि के बदले फंड मुहैया कराता है। लोनदाता चालान राशि का 80% तक वित्तपोषित कर सकता है। एक बार जब व्यवसाय को भुगतान प्राप्त हो जाता है, तो वह निर्धारित अवधि और ब्याज दर के अनुसार लोन को चुका देता है।
6. उपकरण लोन
यह लोन मैन्यूफैक्चरिंग (विनिर्माण) व्यवसाय के लिए होता है। व्यवसाय को उपकरण की खरीद करने के लिए जो लोन मिलता है, उसे उपकरण लोन कहते हैं।
7. महिलाओं के लिए बिज़नेस लोन
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