'पेट्रोल पंप से मोदी के पोस्टर हटाए जाएं' चुनाव आयोग के इस आदेश के पीछे भाजपा का ही लाभ
by Tanvi Katyal Molitics - Media of Politicsपांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। असम को छोड़कर बाकी के चारों राज्यों में गैरभाजपा सरकार रही है। ऐसे में भाजपा की कोशिश है कि इसबार पांच में से कम से कम तीन राज्यों में तो सरकार बना ही ली जाए। ये तीन राज्य असम, पड्डुचेरी व पश्चिम बंगाल हैं। सरकार बनाने के लिए जितना कुछ किया जा सकता है उतना करने की कोशिश की जा रही है। ऐसी ही एक कोशिश पेट्रोल पंपो से नरेंद्र मोदी की तस्वीर को हटाए जाने के निर्देश का भी है। अब आप कहेंगे की ये कैसी कोशिश। तो चलिए बताते हैं।
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान 26 फरवरी को कर दिया गया। ऐलान करते ही राज्य में आचार संहिता लागू हो जाती है। फिर तारीख आई 3 मार्च। सत्ताधारी टीएमसी के कुछ लोगों ने कहा- पेट्रोल पंप पर मोदी की हंसती मुस्कुराती जो फोटो लगी है वह आचार संहिता का उल्लंघन है उसे हटाया जाए। चुनाव आयोग को भी लगा हां, यार ये तो गलती हो गई। चलो बढ़िया याद करवाया। चुनाव आयोग ने राज्य के पेट्रोल पंप डीलरों को आदेश दिया कि अगले 72 घंटे में नरेंद्र मोदी की तस्वीर वाले पोस्टर को हटा दो।
पहली नजर में देखेंगे तो चुनाव आयोग का ये आदेश नार्मल सा लगेगा। लेकिन ऐसा नहीं है। अंदर जो झोल है उसे समझिए। क्योंकि आज के पहले तो कभी पेट्रोल पंपो से पोस्टर हटाने का आदेश नहीं दिया गया। दरअसल पेट्रोल-डीजल के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। लोगों में इसे लेकर गुस्सा भी है। अब जब पोस्टर हटा दिया जाएगा तो लोगों को ये नहीं पता चलेगा कि पेट्रोल-डीजल एलपीजी किसके कारण महंगा हो रहा है। जो पार्टी 140 मीटर रोड बनाकर उसका क्रेडिट लेना नहीं छोड़ती वह प्रचार के किसी माध्यम को कैसे दबा सकती है लेकिन पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से किरकिरी हो रही है सो चुनाव आयोग को कहा- थोड़ा इधर देख लीजिए. कुछ हो सकता है तो कर दीजिए।
राहुल गांधी ने पिछले दिनों कहा था कि भाजपा और आरएसएस के पास बहुत पैसा है वह संस्थानों में अपने लोगों को भर रहे हैं ऐसे में हम चुनाव जीत भी गए ये लोग सही से काम नहीं करने देंगे. उनका निशाना चुनाव आयोग पर भी था। इसे आप सिरे से नहीं खारिज कर सकते। केरल और तमिलनाडु में एक चरण में चुनाव और पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में चुनाव। उसमें भी कई जिले ऐसे हैं जहां कि विधानसभाओं में अलग-अलग चरण में चुनाव होंगे। मतलब नंदीग्राम विधानसभा में वोटिंग हो रही है तो उसके बगल वाले विधानसभा में मोदी जी रैली कर रहे होंगे। इसका सीधा प्रसारण सरकार हितैषी मीडिया करेगा ही।
मीडिया से ध्यान आया। 2019 के लोकसभा चुनाव के वक्त D2H में प्रेत माफिक NAMO TV नामक एक चैनल ऐड हो गया। सुबह से लेकर रात तक इसमें मोदी चालीसा चलता रहता था। सरकार व सरकार के मंत्रियों से पूछा गया कि भइया ये चैनल किसका है कुछ बताओगे भी। मंत्री जी के पास कोई जवाब ही नहीं। निल बटा सन्नाटा। मतलब ये चैनल कौन चलवा रहा, कैसे चल रहा। कब पैदा हुआ और कब गायब हो गया किसी को कुछ खबर ही नहीं लग सकी।
विश्वनेता की आत्ममुग्धता देखिए। कोरोना का टीका लगवाने वालों को जो सर्टिफिकेट दिया जा रहा उसपर न सिर्फ नरेंद्र मोदी की तस्वीर है बल्कि उनके संदेश को भी हिन्दी और अंग्रेजी में छापा गया है। टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा- सर्टिफिकेट पर फोटो और मैसेज लिखवाकर नरेंद्र मोदी न सिर्फ अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं बल्कि कोरोना वैक्सीन बनाने वालों का भी क्रेडिट खा रहे हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से इसपर भी रोक लगाने की मांग की। लेकिन इसपर किसी तरह की रोक का आदेश नहीं जारी हुआ।
पेट्रोल पंपो से तो फोटो हट गई लेकिन वैक्सीनेशन के सर्टिफिकेट से नहीं हटी। क्यों। क्योंकि पेट्रोल के बढ़ते दामों के कारण जनता को गुस्सा आता है तो मोदी जी की हंसती तस्वीर देखकर अपशब्द बोलता है। लेकिन वैक्सीनेशन के सर्टिफिकेट मोदी जी की तस्वीर देखकर उसे प्यार आता है। है न।
source: https://www.molitics.in/article/792/election-commission-ordered-removal-of-pm-modi-poster-from-petrol-pumps
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Created on Mar 6th 2021 06:40. Viewed 251 times.