क्या है ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और ये कैसे बदल सकती है आपकी जिंदगी?

Posted by Neeraj Bisaria
7
Mar 30, 2018
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आने वाले समय में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी आम लोगों पर बड़ा असर डाल सकती है।

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी बिटकॉइन में भी इस्तेमाल होती है। | तस्वीर साभार: Thinkstock

दुनियाभर में आजकल ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की चर्चा हो रही है। हर बड़े आर्थिक मंच से इसकी चर्चा सुनने को मिलती है। आम लोगों के लिए ये एक अजनबी विषय हो सकता है लेकिन आने वाले समय में इसका सबसे ज्यादा असर आम लोगों पर ही पड़ेगा। इसलिए हम आज आम लोगों की नजर से आपको ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) के बारे में बताते हैं। आपने क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉयन (Bitcoin) के बारे में तो सुना ही होगा। ये पिछले 2 साल से दुनिया भर के निवेशकों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल ब्लॉकचेन, बिटकॉयन में इस्तेमाल होने वाली टेक्नोलॉजी है, लेकिन यह क्रिप्टोकरंसियों से अलग है। एक सुरक्षित डिजिटल लेनदेन सिस्टम का निर्माण करने में कई तरह से इसका इस्तेमाल होता है। भारत की भी इस टेक्नोलॉजी पर नजर है।

बैंकों का खर्च घट सकता है

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की सनक लम्बे समय तक रहेगी या नहीं, यह विवाद का विषय है, लेकिन ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी यहाँ रहने वाली है। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने पर यह लेनदेनों (Transaction) को काफी हद तक भेद्यता से बचाता है जो सिस्टम को साइबर की चपेट में ला देता है और लेनदेन सम्बन्धी डेटा में फेरबदल कर देता है। इसके अलावा, सुरक्षा में वृद्धि होने के साथ, यह टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के खर्च को भी कम कर देती है। मुख्य रूप से इन कारकों के कारण ही बैंक अपने भावी लेनदेन के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना चाहते हैं। तो चलिए इस ब्लॉकचेन से होने वाले फायदों में से कुछ पर नज़र डालते हैं।

ऑनलाइन फ्रॉड में कमी आएगी

इस टेक्नोलॉजी में, ब्लॉकों की एक श्रृंखला होती है जो डेटा को रिकॉर्ड करती है और इन ब्लॉकों को एक नेटवर्क के भीतर हितधारकों के साथ गुमनाम तरीके से शेयर किया जाता है। सभी लेनदेन सम्बन्धी डेटा को नेटवर्क के प्रत्येक हितधारक के साथ सत्यापित किया जाता है जिससे साइबर सम्बन्धी खतरों के कारण पैदा होने वाली भेद्यता की गुंजाइश ख़त्म हो जाती है। इसलिए ग्राहक की जानकारी चुराना लगभग असंभव हो जाता है। इस सिस्टम में होने वाला लेनदेन किसी बिचौलिए के हस्तक्षेप के बिना दो पक्षों के बीच होता है।

बैंकों की कार्यक्षमता बढ़ेगी

यह टेक्नोलॉजी, पक्षों के बीच सहभाजित बहीखाते के माध्यम से बैंकों की कार्यकुशलता में वृद्धि कर सकती है। इस सिस्टम के डिवाइस, सहकर्मी-दर-सहकर्मी ढंग से इंटरैक्ट कर सकते हैं जिसके लिए किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं पड़ती है। यह मानव कारक को बैंकिंग सिस्टम की छानबीन से बाहर रखता है जिससे लेनदेनों पर नजर रखना आसान और तेज हो जाता है। इससे बैंकों के कई ऊपरी खर्च भी काफी हद तक कम हो जाएंगे जिससे पूरा का पूरा सिस्टम अधिक से अधिक कार्यकुशल बन जाएगा।

डेटा सिक्योरिटी में बढ़ोतरी

बैंकों का मौजूदा केंद्रीकृत आई.टी. इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्राहकों के डेटा की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है। फिशिंग, हैकिंग, स्पूफिंग ये सब बैंकों के सामने आने वाली कुछ साइबर सुरक्षा सम्बन्धी चुनौतियाँ हैं। असल में, KYC दस्तावेजों को संग्रह करना, प्रमाणीकरण, इत्यादि जैसी अति संवेदनशील प्रक्रियाओं से निपटने में बैंकों और वित्तीय संस्थानों की मदद करने के लिए एक तीसरे पक्ष का सेवा प्रदाता शामिल होता है। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने से, पासवर्ड का इस्तेमाल करके लेनदेनों के प्रमाणीकरण की जरूरत ख़त्म हो जाएगी। नेटवर्क का विकेंद्रीकरण करने से, ब्लॉकचेन-आधारित SSL प्रमाणपत्रों के माध्यम से पक्षों की आम सहमति प्राप्त करने में मदद मिलेगी। सभी डेटा को पूरे नेटवर्क में रिकॉर्ड किया जाएगा और एक नेटवर्क के पिछले ब्लॉक को ओवरराईट नहीं किया जा सकता। इसलिए, सुरक्षा का उल्लंघन करने के लिए और एक अकेले लेनदेन का डेटा चुराने के लिए, ब्लॉक के पूरे क्रम को फिर से सेट करना पड़ेगा जिससे किसी के लिए इसका उल्लंघन करना लगभग असंभव हो जाएगा।

एक से अधिक डिजिटल प्रोडक्ट का कवरेज

यह टेक्नोलॉजी, पैसों से जुड़े लेनदेनों के अलावा कई अन्य जगहों पर इस्तेमाल हो सकती है। इंश्योरेंस, निवेश, इत्यादि जैसे अन्य डिजिटल उत्पादों से निपटने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे सिर्फ डेटा की सुरक्षा बढ़ाने में ही मदद नहीं मिलेगी बल्कि यह लागत भी कम कर सकता है और प्रोसेसिंग समय भी बचा सकता है।

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की ये हैं चुनौतियां

ब्लॉकचेन एक नए जमाने की टेक्नोलॉजी है जो कई अन्य सिस्टमों की तुलना में कई गुना अधिक फायदेमंद है लेकिन अनुपालन, प्रवर्तन और नियामक सम्बन्धी समस्याओं की दृष्टि से इसमें कई तरह की चुनौतियाँ भी हैं जैसे बैंक केवाईसी प्रक्रिया को कैसे पूरा करेंगे और काले धन को वैध बनाने की कोशिश पर लगाम लगाने के लिए बने क़ानून का पालन कैसे करेंगे।

(टीम बैंक बाजार)

Source: Times Now Hindi

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