एमएसएमई लोन कैसे मिलता है
MSME यानी Micro, Small and Medium Enterprises सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग के लिए बिजनेस लोन दो तरीके के होते है। पहला वह बिजनेस लोन जिससे MSME स्टार्ट किया जाता है दूसरा वह बिजनेस लोन जिससे पहले से चलते हुए बिजनेस का विस्तार किया जाता है। MSME स्टार्ट करने के लिए मिलने वाले लोन के लिए सरकार की स्टार्ट-उप योजना चलाई जा रही है। स्टार्ट-उप योजना के जरिए अपने द्वारा शुरू किये जा रहे बिजनेस के बारे में प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर संबंधित विभाग को देकर MSME लोन के लिए अप्लाई किया जा सकता है।
पहले से चलते हुए बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए सरकारी बैंक और NBFC कंपनियों से बिजनेस लोन प्राप्त हो सकता है। सरकारी बैंकों की अपनी प्रक्रिया होती है जिसमे वह आपके कारोबार से संबंधित जानकारी और कागजी दस्तावेज के साथ लोन की रकम के बदले कुछ गिरवी रखवाते है।
NBFC कंपनियां, सरकारी बैंकों के अपेक्षा कम समय में और कम कागजी दस्तावेजों पर बिना कुछ गिरवी रखवाएं बिजनेस लोन प्रदान करतीं है।
एमएसएमई लोन इस प्रकार मिलता है
बहुत आसानी से व्यापार के लिए लोन मिल सकता है।वर्तमान समय में सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योगों के लिए बहुत बहुत से बैंक और NBFC कंपनियां है, जो SMEs के लिए बिजनेस लोन प्रदान करते है। सभी लोन देने वाली संस्थाओं का अपना नियम होता है। सरकारी बैंक बिजनेस लोन देने में अपनी लंबी प्रक्रिया अपनाते है और लोन के बदले कुछ सामान जैसे जमीन के कागज, मकान के कागज, दुकान के कागज या जूलरी इत्यादि जैसों में से कुछ गिरवी रखवाते है।
NBFC कंपनियां SMEs सेक्टर में बिजनेस करने वालों को बिजनेस लोन देने में उदारता दिखाती है। भारत बहुत सी ऐसी NBFC कंपनियां है जो सूक्ष्य, लघु और मध्यम वर्ग में बिजनेस करने वालों को बहुत कम समय और कम कागजी प्रक्रिया पर बिजनेस लोन प्रदान करतीं है।
SMEs से लोन बिजनेस लोन के लिए अगर योग्यता की बात करें तो, सभी कंपनियों की लोन देने की पात्रता अलग - अलग होती है। कुछ योग्यता ऐसे है जो सभी कंपनियां कॉमन रखती है, जैसे:
आपके बिजनेस का पिछले साल का टर्नओवर 10 लाख से कम नही होना चाहिए
पिछले साल भरे गए ITR 2।5 लाख से कम नही नहीं होना चाहिए
दुकान और घर में से कोई एक खुद के नाम पर होना चाहिए
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