क्या आप लोन से छुटाकारा पाना चाहते हैं? जानिए तरीका
लोन एक ऐसा प्रोडक्ट है जिसे प्राप्त करने के बाद चुकाना अनिवार्य होता है। लोन के साथ एक और चीज जुड़ जाती है वह है- ब्याज की रकम। जिससे लोन चुकाते समय मूल धन के साथ ब्याज के तौर पर सूद भी चुकाया जाता है। एक बात और ध्यान रखने वाली है कि लोन का कार्यकाल जितना अधिक होगा, लोन पर ब्याज की रकम उतनी ही अधिक हो जाती है।
लोन चुकाने का दो विकल्प मिलता है
बिजनेस लोन हो, पर्सनल लोन हो, होम लोन हो या कार लोन हो, सभी लोन को चुकाने के लिए दो विकल्प बैंक या एनबीएफसी से मिलता है। लोन चुकाने का दोनों विकल्प निम्न हैः
एकमुश्त लोन चुका देना
लोन को हर महिने की किश्त (ईएमआई) में चुकाना
एकमुश्त लोन चुका देना
कई बैंक और एनबीएफसी लोन सेक्योर्ड लोन देते हैं। लोन के बदले में ग्राहक से कोई प्रॉपर्टी अपने पास गिरवी रखवा लेते हैं। इस प्रक्रिया में ग्राहक को यह लाभ दिया जाता है कि उन्हें लोन को एक समय दिया जाता है, जिसमें ग्रहाक लोन एक मुश्त चुका देता है। अगर ग्राहक निश्चित समय में लोन चुकाने में असमर्थ होता है तो वित्तिय संस्थान अपने पास गिरवी रखी प्रॉपर्टी को निलाम करके लोन की भरपाई कर लेता है।
लोन को हर महिने की किश्त (ईएमआई) में चुकाना
अधिकतर लोन मंथली ईएमआई पर मिलता है। यह बिजनेस लोन अनसिक्येर्ड लोन होता है औऱ सेक्योर्ड लोन भी होता है। इस लोन में लोन की कुल राशि के साथ लोन पर लागू ब्याज की रकम के साथ जोड़ते हुए लोन के कार्यकाल के अनुसार मंथली अनुसार विभाजित कर दिया जाता है। इसमें ग्राहक लोन की ईएमआई को हर महिने में चुकाते हैं।
समय से पहले लोन चुकाना
बिजनेस लोन लेना अच्छी बात है। लोन को समय से पहले चुका देना और अच्छी बात है। इससे ब्याज वाली रकम बच सकता है। लोन एकमुश्त चुकाने और मंथली किश्त के अलावा एक और विकल्प मिलता है। वह है लोन को प्री-पेमेंट के तौर पर चुका देना। यानी लोन के कार्यकाल से पूर्व ही लोन को चुका देना। यह विकल्प ऐसा है जिसमें ग्राहक लोन पर लगने वाली अतिरिक्त ब्याज दरों से बच सकता है।
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