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क्या बिजनेस लोन ‘लॉन्ग-टर्म’ है? समझाइये

by Sheena Sharma Financial Advisor to help you find the best soluti

बिजनेस लोन मुख्य रुप से दो तरह का होता है। लॉन्ग टर्म और शार्ट टर्म बिजनेस लोन। जिस बिजनेस लोन को 1 महीने से 18 महीने तक के लिए लिया जाता है, उसे शार्ट टर्म बिजनेस लोन कहते हैं और 18 महीने से 25 साल तक के लिए लिया जाता है, उसे लॉन्ग टर्म बिजनेस लोन कहते हैं। आमतौर पर लॉन्ग टर्म लोन सेक्योर्ड लोन की कैटेगरी में आता हैं।

कारोबारियों के लिए शार्ट टर्म की अपेक्षा लॉन्ग टर्म बिजनेस लोन बेहतर माना जाता है, क्योंकि लॉन्ग टर्म लोन को चुकाने के लिए कम समय मिलता है जबकि लॉन्ग टर्म लोन चुकाने के लिए अपेक्षाकृत अधिक समय मिल जाता है। 

कारोबारियों के लिए लॉन्ग टर्म बिजनेस, इसलिए भी बेहतर होता है, क्योंकि लॉन्ग टर्म लोन को चुकाने की अवधि अधिक होने के कारण मंथली EMI कम होती है, जबकि शार्ट टर्म लोन चुकाने के लिए कम समय मिलता है, इसलिए मंथली EMI अधिक होती है। 

चूंकि एमएसएमई कारोबारियों का बिजनेस इतने बड़े स्केल का नहीं होता है कि वह हर महीने बड़ा अमाउंट की EMI भरें, क्योंकि अगर वह अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा सिर्फ EMI जमा करने में खर्च कर देंगे तो, उन्हें बाकी कामों के लिए पैसा इक्कठा करना मुश्किल हो सकता है। 

ऐसे में एमएसएमई कारोबारियों के लिए लॉन्ग-टर्म बिजनेस लोन एक बेहतरीन विकल्प होता है। लॉन्ग-टर्म बिजनेस लोन के बारें में जानिए और विस्तार से।

लॉन्ग-टर्म बिजनेस लोन क्या है?

12 महीने से 25 साल तक के दिया जाने वाला बिजनेस लोन लॉन्ग टर्म बिजनेस लोन कहा जाता है। लॉन्ग टर्म बिजनेस लोन की अवधि अधिक होने के कारण लॉन्ग टर्म लोन की मंथली EMI, इतनी आती है, जितनी EMI कारोबारी आसानी से भुगतान कर सके। लॉन्ग टर्म से पहले एक इंटरमीडिएट टर्म लोन होता है। 

इंटरमीडिएट टर्म लोन क्या है?

बैंक या एनबीएफसी कंपनी द्वारा टर्म लोन के तहत एक इंटरमीडिएट टर्म लोन भी दिया जाता है। आमतौर पर इसे मिड-टर्म लोन भी कहा जाता है। इस लोन के तहत लोन 3 से 5 साल तक के लिए बिजनेस लोन दिया जाता है। 

मिड टर्म लोन का उपयोग आमतौर पर बिजनेस की तत्कालीन जरूरतों जैसे, मशीनरी खरीदने, वर्किंग कैपिटल को मैनेज करने और कारोबार में कैश का फ्लो बनाए रखने के लिए किया जाता है। 

लॉन्ग टर्म बिजनेस लोन देश के सभी बैंकों और नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (एनबीएफसी) से मिलता है। लॉन्ग टर्म लोन कई प्रकार का होता है। कोई भी बैंक या एनबीएफसी कंपनी द्वारा लॉन्ग टर्म लोन देते समय कुछ जरूरी बातों पर मुख्य तौर से ध्यान दिया जाता है: 

  • कितनी धनराशि की जरूरत है।

  • जो कारोबारी टर्म लोन ले रहा है, उसकी लोन वापस करने की क्षमता क्या है?

  • लॉन्ग टर्म लोन लेने के लिए ग्राहक के पास कितनी प्रॉपर्टी है?

  • कारोबारी के पास कितना रेगुलर कैश है और उसे कितना धन की जरूरत है।

इसी के साथ आपको जानकरी के लिए बता दें कि ऊपर बताई गई बातों के आधार पर ही टर्म लोन की ब्याज दरें, लोन देने की शर्त्ते, इत्यादि को तय किया जाता है। टर्म लोन कई प्रकार का होता है। टर्म लोन के प्रकार निम्न हैं:

लॉन्ग टर्म लोन इस तरह काम करता है 

चूंकि लॉन्ग टर्म लोन अधिक अमाउंट का होता है, इसलिए लॉन्ग टर्म लोन का उपयोग भी बिजनेस के किसी ठोस कार्यो के लिए किया जाता है। ठोस कार्यो में बिजनेस की नई ब्रांच खोलना, बिजनेस को बढ़ाना और कारोबार के लिए कोई नई मशीनरी की खरीद करना शामिल होता है।

लॉन्ग टर्म बिजनेस लोन के फायदे

  • बड़ा लोन अमाउंट मिलना: लॉन्ग टर्म बिजनेस लोन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें कारोबारी को बड़ा लोन अमाउंट मिलता है। बड़ा लोन अमाउंट होने की वजह से कारोबारी अपने बिजनेस का विस्तार अपने मनमुताबिक कर सकता है। 

  • लॉन्ग टर्म बिजनेस लोन चुकाने के लिए अधिक समय मिलना: चूंकि लॉन्ग टर्म लोन अधिकतर प्रॉपर्टी गिरवी रखकर ही मिलता है, इसलिए लोन चुकाने के लिए लंबा समय मिलता है। लोन चुकाने की लंबी समयावधि होने के कारण लोन की EMI कम होती है और इस तरह कारोबारी बहुत असानी से लोन वापस कर पाता है।

  • बिजनेस लोन के लिए न्यूनतम कागजातों की जरूरत: अधिकांश लॉन्ग टर्म बिजनेस लोन प्रॉपर्टी गिरवी रखने के बदले मिलता है। इसलिए, लॉन्ग टर्म बिजनेस लोन पाने के लिए कारोबारियों से बहुत अधिक कागजातों को जमा करने की जरूरत नहीं होती है।

  •  लॉन्ग टर्म बिजनेस लोन की न्यूनतम पात्रता: बिजनेस लोन जब प्रॉपर्टी गिरवी रखने के बदले मिलता है, तब लोन देने वाली कंपनी/बैंक प्रॉपर्टी के पेपर के विहाव पर लोन देने का निर्णय करते हैं, इसलिए लॉन्ग टर्म बिजनेस लोन की पात्रता न्यूनतम रखी जाती है, ताकि अधिक से अधिक कारोबारी बिजनेस लोन का लाभ उठा सके।

क्या लॉन्ग टर्म बिजनेस लोन के लिए कुछ गिरवी रखने की जरूरत पड़ती है?

यह पूरी तरह से बैंक या लोन देने वाली एनबीएफसी कंपनी के नियमों के ऊपर निर्भर करता है, की वह लॉन्ग टर्म लोन देने के लिए प्रॉपरति गिरवी रखवाते हैं या नहीं रखवाते हैं। अगर कारोबारी कम अमाउंट का लॉन्ग टर्म लोन चाहता है, तो उसे बिना कुछ गिरवी रखे बिजनेस लोन मिलता है। 

अगर कारोबारी अधिक अमाउंट का लोन चाहता है तब उसे लोन के बदले कोई प्रॉपर्टी गिरवी रखने की जरूरत पड़ती है। लॉन्ग टर्म लोन के लिए कुछ गिरवी रखने की जरूरत पड़ेगी या नहीं पड़ेगी, यह पूरी तरह से लोन देने वाली कंपनी या बैंक के नियमों पर निर्भर करता है।


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About Sheena Sharma Advanced   Financial Advisor to help you find the best soluti

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Joined APSense since, October 16th, 2019, From New Delhi, India.

Created on May 29th 2020 00:55. Viewed 243 times.

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