मुद्रा लोन का क्या महत्व है? जानिए
पीएम मुद्रा योजना में एमएसएमई सेक्टर के कारोबारियों को तीन कैटेगरी में 10 लाख रुपये तक का बिजनेस लोन, बिना कुछ गिरवी रखे प्रदान किया जाता है। इस योजना की खास बात यह है कि मुद्रा लोन पुराने कारोबारियों के साथ – साथ नया बिजनेस शुरु करने के लिए भी प्रदान किया जाता है। कारोबारियों की सहुलियत के लिए देश के सभी सरकारी बैंको को इस योजना से जोड़ा गया है।
मुद्रा योजना की पृष्ठभूमि
छोटे एवं मध्यम कारोबार को किसी भी देश अर्थव्यवस्था का बैक बोन कहा जाता है। भारत के संदर्भ में देखें तो एमएसएमई कारोबार जीडीपी को सुधारने में बहुत हद तक मदद कर रहें है। लेकिन, पहले जब एमएसएमई कारोबारियों को फंड की आवश्यकता होती थी तो उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना होता था। बैंक कर्ज देने में आना – कानी करते थे। जिसके वजह से कारोबारीयों की हालत खराब होती जाती थी और बहुत से बिजनेस धन की कमी के चलते बंद हो जाते थे। 2015 से पहले ऐसा माहौल था।
2015 में नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनें। पीएम मोदी एमएसएमई उद्यमियों का समस्या का समाधान करते हुए, प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना की संकल्पना की। इस तरह मुद्रा योजना अप्रैल 2015 में शुरू हुई थी।
कारोबार करने के लिए आसानी से बिजनेस लोन मिल रहा है
2015 से पहले का समय ऐसा था कि छोटे कारोबारी को लोन मिलना तो दूर, लोन का आवेदन पत्र भरने में कड़ी मसक्कत करना होता था। बैंक वाले हर रोज कागज कमी का हवाला देकर लौटा देते थे। कोई बेहतर विकल्प नहीं था। इसलिए छोटे कारोबारी सूदखोरों से पैसा लेकर सूदखोरी के चंगुल में फंस जाते थे।
लेकिन, मुद्रा लोन योजना को शुरुआत करने का प्रथम सोच ही छोटे कारोबारियों को लोन सहज तरीके से उपलब्ध कराना है। सरकार ने ऐसा प्रावधान कर रखा है कि बेहद जरुरी कागजातों पर मुद्रा लोन के लिए आसानी से आवेदन किया जा सकता है।
इस प्रकार देखा जाए तो केंद्र सरकार की तरफ से हर वह मुमकिन प्रयास किया जा रहा है, जिससे देश के किसान, मजदूर, कारोबारी वर्ग को लाभ प्राप्त हो सके। एमएसएमई के लिए चलाई जा रही पीएम मुद्रा लोन योजना पूरी तरह से खेवनहार की मुद्रा है और कारोबारियों की बिजनेस रुपी नैया को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है।
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