न्यायिक हिरासत में रोते बिलखते अर्नब गोस्वामी Flexible लोकतंत्र का एक उदाहरण हैं
आज हम आपको फ्लैक्सिबल लोकतंत्र बताएंगे। बताएंगे कि कैसे हैसियत देखते ही लोकतंत्र खतरे में आ जाता है। लोकतंत्र कमजोर कैसे होता है और मजबूत कैसे होते हैं इसे समझने के लिए रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी का मामला समझना पड़ेगा। साथ ही उनके द्वारा पिछले तीन महीने से सुशांत सुसाइड केस में आरोपी बनाई गई रिया चक्रवर्ती का मामला समझना होगा। जो कभी स्टूडियो में दहाड़ मार रहे थे वह आज जैसे ही शिकंजे में आए तुरंत बेबस लाचार बन गए।
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