ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोये। औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए।

Posted by Jitender G.
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Mar 14, 2021
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भावार्थ: कबीर दास जी कहते हैं, कि प्रत्येक मनुष्य को ऐसी भाषा बोलनी चाहिए जो श्रोता (सुनने वाले) के मन को आनंदित (अच्छी लगे) करे। ऐसी भाषा सुनने वालो को तो सुख का अनुभव कराती ही है, इसके साथ... read full article here-> http://bit.ly/30DPtjU
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