Vakri Mangal 2024–2025: Sabhi Rashiyon Par Iska Prabhav

मंगल, ग्रह को ज्योतिष में उस विशेष प्रभाव के लिए जाना जाता जो किसी व्यक्ति के भीतर जोश और साहस का बेहतरीन मेल होता है। वैदिक ज्योतिष Vedic astrology में मंगल एक पाप ग्रह माना जाता है। जन्म कुंडली में अपनी स्थिति के आधार पर असर डालने वाला होता है, जुनून, तेजी, आक्रामकता, निराशा और कभी-कभी ईर्ष्या जैसे गुण इस के द्वारा व्यक्तियों को मिल सकते हैं। अपने इन प्रभावशाली कारक तत्वों के आधार पर यह कुंडली और जातक दोनों को प्रभावित करता है। मंगल किसी को सेना का उच्च अधिकारी बना सकता है तो दूसरी ओर इसका प्रभाव आतंकवादी भी बना सकता है। मंगल की क्षमता और विविधता इन्हीं कारणों से सभी को प्रभावित करने वाली होती है। मंगल का गोचर बहुत महत्वपूर्ण है माना गया है क्योंकि यह जन्म कुंडली के विभिन्न भावों पर असर डालते हुए हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है। इसके कारण स्वास्थ्य और वैवाहिक जीवन विशेष रूप से प्रभावित होते हैं। मंगल अचानक होने वाले घाटे, नुकसान और चोरी इत्यादि कार्यों के लिए भी जिम्मेदार होता है। मंगल का वक्री Mars retrograde होना एक विशेष ज्योतिषीय घटना है, क्योंकि जब भी कोई पाप ग्रह वक्री होता है, तो यह हम पर और भी खराब असर डाल सकता है लेकिन इसके ये असर कुछ विशेष कारणों से भी अपना असर डालते हैं इसलिए सभी को बुरा असर मिले ऐसा जरूरी नहीं है। आइए जान लेते हैं सभी राशियों पर मंगल के वक्री होने का असर और परिणाम।
मंगल के वक्री होने का समय 2024 : Date: Mars retrograde 2024
मंगल गोचर में अपनी स्थिति के अनुसार इस समय कर्क राशि में है और मंगल 7 दिसंबर, 2024 को कर्क राशि में वक्री होगा। इसके बाद 21 जनवरी, 2025 को मिथुन राशि में वापस आ जाएगा और 24 फरवरी, 2025 को मंगल फिर से आगे बढ़ना शुरू कर देगा और 3 अप्रैल, 2025 को कर्क राशि में फिर से प्रवेश करेगा। मंगल का गोचर में इतना बदलाव काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है और कुछ मामलों में चुनौतीपूर्ण हो सकता है। मंगल के इस गोचर के दौरान कई तरह की उथल-पुथल देखने को मिल सकती है। विचारों में बदलाव और आत्म-चिंतन की स्थिति देखने को मिलेगी। मंगल ग्रह Manglik Dosha के लिए जिम्मेदार माना गया है, जो वैवाहिक सुख में देरी और आपसी झगड़े का कारण बनता है। वक्री मंगल के दौरान कुछ खास कारक तत्वों पर ध्यान देने की जरूरत होती है, इस समय पर शक्ति, ऊर्जा, परिश्रम, साहस, इच्छाएं और आक्रामकता जैसे गुण अपना अलग ही असर दिखाते हैं जिन को नियंत्रित और संतुलित बनाए रखने की जरुरत होती है।
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