Padmavati history in Hindi - पद्मावती इतिहास हिंदी में
by Lucky Jack Content handler and bloggerरानी पद्ममी को महारानी पद्मावती के नाम से भी जाना जाता है और Padmavati history in Hindi के अनुसार यह माना जाता है कि यह 13 वीं -14 वीं शताब्दी की भारतीय रानी थीं। हालांकि कोई ऐसा ऐतिहासिक सबूत नहीं है कि पद्मिनी वास्तव में थीं और ऐज के इतिहासकारों ने 13 वीं सदी के रानी पद्मावती के अस्तित्व को नक्कारा है। रानी पद्मिनि के साहस और बलिदान इतिहास में सदैव के लिए अमर है। सिंहल द्वीप के राजा गंधर्व सेन और रानी चंपावती की बेटी पद्मिनी थीं और इनका विवाह चित्तौड़ के राजा रतनसिंह के साथ हुआ था।
रानी पद्मिनी बहुत सुंदर थीं और इसी कारण दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी की बुरी नजर उन पर पड़ी। अलाउद्दीन खिलजी किसी भी शर्त पर रानी पद्मिनी को पाना चाहता था और इसलिए उसने चित्तौड़ पर आक्रमण कर दिया। रानी पद्मिनी ने आग में कूदकर जान दे दी, लेकिन अपनी आन-बान पर जरा सी भी आँच न आने दी। सन् 1303 में चित्तौड़ को लूटने वाला अलाउद्दीन खिलजी ही था जो रानी पद्मिनी को पाने के लिए व्याकुल था। ऐसा कहा जाता है कि लेकिन कुलीन रानी ने अपनी शान को बचाने के लिए जौहर करना बेहतर समझा।
अलाउद्दीन ने धोखे से महारानी पद्मावती के पति राजा रतन सिंह को बंदी बना लिया और यह प्रस्ताव रखा कि रानी खुद को उसके सामने समर्पित करे तो वह राजा रतन सिंह को छोड़ेगा।
रानी पद्मावती ने इस प्रस्ताव को मंजूर कर लिया लेकिन एक शर्त खुद भी रखी कि वह अकेले नहीं आयेंगी उनके साथ उनकी सेविकाएं भी आयेंगी और रानी ने पालकी मंगवाई और उन्हें किले से अलाउद्दीन के कैंप तक ले जाया गया और पालकीयो को वहीं रोका गया जहाँ राजा रतन सिंह को बंदी बनाकर रखा गया था। जब राजा रतन सिंह ने देखा की पालकियाँ चित्तौड़ से आयी है तो राजा को यह लगा की उसमे रानी भी आयी होंगी और ऐसा सोचकर ही वे बहुत शर्मिंदा हुए। जब उन्होंने देखा की पालकी से बाहर रानी पद्मावती नही बल्कि उनकी सेविका निकली है और सभी पालकियों में सैनिक भरे हुए है तो राजा पूरी तरह से अचंभित हो गये। To know more about the Hindi Shabd, explore their website or shabd.in.
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Created on Jul 8th 2019 05:52. Viewed 239 times.
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