अमरनाथ यात्रा 2018: शिवलिंग से जुड़ी ये बातें हैरान कर देंगी आपको
by Neeraj Bisaria SEO Exec.अमरनाथ भगवान शिव का एक नाम है। अपने इस स्वरूप में भगवान शिव एक ऐसी गुफा में रहते हैं जहां रह साल बाबा चमत्कार करते हैं और भक्तों को बताते हैं कि हां मैं हूं। भगवान शिव यहां गुफा में शिवलिंग के रूप में भक्तों को दर्शन देते हैं लेकिन यह शिवलिंग कोई सामान्य शिवलिंग की तरह नहीं दिखता है। हर साल प्रकृति बर्फ से इनका खुद निर्माण करती है। बर्फ से निर्मित होने के कारण बाबा अमरनाथ को श्रद्धालु बाबा बर्फानी के नाम से भी पुकारते हैं। इस साल 28 जून से बाबा अमरनाथ की यात्रा शुरू होगी लेकिन हेलिकॉप्टर से अमरनाथ यात्रा की बुकिंग 27 अप्रैल से ही शुरू हो चुकी है...
हिमालय की गोद में स्थित अमरनाथ हिंदुओं का सर्वाधिक आस्था वाला पवित्र तीर्थस्थल है। पवित्र गुफा श्रीनगर के उत्तर-पूर्व में 135 किलोमीटर दूर समुद्र तल से 14 हज़ार फ़ीट की ऊंचाई पर है। पवित्र गुफा की लंबाई (भीतरी गहराई) 19 मीटर, चौड़ाई 16 मीटर और ऊंचाई 11 मीटर है।
अमरनाथ की पवित्र गुफा में बर्फ से नैसर्गिक शिवलिंग का निर्माण होता है। प्राकृतिक हिम से बनने के कारण इसे स्वयंभू हिमानी शिवलिंग और बाबा बर्फानी भी कहा जाता है।
दुनिया में ऐसा पहला शिवलिंग है जिसका आकार चंद्रमा की रोशनी के आधार पर तय होता है। श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शिवलिंग पूरा हो जाता है और फिर उसके बाद आने वाली अमावस्या तक आकार में काफी छोटा हो जाता है।
मान्यता है कि एक मुस्लिम गड़रिए ने इस पवित्र गुफा की खोज की थी। उसका नाम बूटा मलिक था। आज भी इसके वंशजों को दान में चढ़ाई गई राशि का एक हिस्सा दिया जाता है।
इस गुफा में केवल शिवलिंग ही नहीं बल्कि माता पार्वती और गणेश के रूप में दो अन्य लिंग भी बनते हैं।
गुफा के ऊपर पानी जमा होता है, जो बूंद बूंद करके शिवलिंग वाले हिस्से पर गिरता रहता है और धीरे-धीरे 10 फीट ऊंची शिवलिंग बन जाती है। आश्चर्य की बात यह है कि यह शिवलिंग ठोस बर्फ की बनी होती है जबकि गुफा में केवल कच्ची ही बर्फ रहती है जो हाथ में लेते ही तुरंत पानी बन जाती है।
Source: navbharattimes.indiatimes.com
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Created on Apr 30th 2018 07:26. Viewed 359 times.